🇮🇳 ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 28 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी "द रेजिस्टेंस फ्रंट" नामक संगठन ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है। हालाँकि, बाद में संगठन ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और उन्होंने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी।
🎯 ऑपरेशन सिंदूर: उद्देश्य और कार्रवाई
भारत ने 7 मई 2025 को "ऑपरेशन सिंदूर" लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने 23 मिनट की अवधि में नौ स्थानों पर सटीक हमले किए, जिनमें बहावलपुर और मुरिदके जैसे शहर शामिल थे, जो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय माने जाते हैं।
इन हमलों में लगभग 100 आतंकवादियों के मारे जाने की रिपोर्ट है, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके मुख्यालय का प्रमुख भी शामिल है।
🛡️ पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के हमलों के जवाब में, पाकिस्तान ने 10 मई को "ऑपरेशन बुनियान उल मर्सूस" नामक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें भारत के गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25 से अधिक सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए।
भारत ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें पाकिस्तान के दो JF-17 लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया।
🌐 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और युद्धविराम
अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और अन्य देशों की मध्यस्थता से 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा हुई। हालाँकि, युद्धविराम के कुछ ही घंटों बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगाए, जिससे तनाव बना रहा।
🧠 निष्कर्ष
"ऑपरेशन सिंदूर" भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का प्रतीक है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में सफल रहा, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।